– DelhiNews 24×7 ब्यूरो।
संयुक्त किसान मोर्चे ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए अल्टीमेटम दिया है। सिंघु बॉर्डर पर किसान संगठनों की एक अहम बैठक में ये फैसला लिया गया है कि अगर 31 जनवरी तक उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो 1 फरवरी से फिर से आंदोलन शुरू करेंगे। इस मीटिंग में पंजाब में चुनाव लड़ने वाले 22 संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चे से अगले 4 महीने के लिए स्सपेंड कर दिया गया है। किसान नेताओं ने साफ किया है मोर्चे का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
इस बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने समझौते के मुताबिक अबतक एमएसपी कमेटी का गठन नहीं किया है। किसानों पर दर्ज मुकदमे भी वापस नहीं लिए गए हैं। मोर्चे ने केंद्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि मांगे पूरी न होने की सूरत में 1 फरवरी से वादाखिलाफी दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने पश्चिम बंगाल की तरह मिशन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शुरू करने का एलान भी किया।
किसानों ने एक साल लंबा चला आंदोलन तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद स्थगित कर दिया था। मगर आंदोलन स्थगित करने के दैरान बनी सहमति पर अमल के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। अबतक ना तो एमएसपी पर कमेटी बनी है, न ही हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों पर दर्ज केस वापस लिए हैं। आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 700 किसानों को पंजाब की तर्ज पर 5 लाख रुपये का मुआवजा भी बीजेपी शासित प्रदेशों में नहीं दिया जा रहा है।