दिल्ली में आज हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव किया और केजरीवाल पर झूठा होने का आरोप लगाया। आंगनबाड़ी वर्कर्स ने सरकार से मानदेय बढ़ाने और उनकी नौकरी को पक्का किए जाने की मांग की। लेकिन इन मांगों पर कोई सुनवाई ना होता देख, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं हैं।
इन आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों का कहना है कि केजरीवाल सरकार उन्हें समय से सैलरी नहीं दे रही है। इतना ही नहीं 2018 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित मानदेय बढ़ोतरी को लागू नहीं किया गया है। बार बार ज्ञापन दिए जाने के बाद भी केजरीवाल सरकार उसे लागू करने में आनाकानी कर रही है। आंगनबाड़ी वर्करों को पेंशन और बीमा की सुविधाएं भी मिल रहीं हैं। उल्टे केजरीवाल सरकार उन्हें मिलनेवाली मानदेय की रकम का एक हिस्सा काट रही है।
दिल्ली में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को महीने में 8678 रुपए मानदेय मिलता है। वहीं हेल्परों के लिए ये रकम 4839 रुपए हैं। जो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम मजदूरी से काफी कम है। आंगनबाड़ी कर्मचारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब जाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बारे में लगातार झूठ बोल रहे हैं।
आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं के मानदेय में आखिरी बार वृद्धि वर्ष 2017 में की गई थी। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 58 दिनों का लंबा हड़ताल करना पड़ा था। इसके बाद से बीते 4 सालों में मानदेय में कोई इजाफा नहीं हुआ है।