- Delhinews24x7 ब्यूरो
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने वाले अभद्र भाषा के खिलाफ जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया है। इस मामले का उल्लेख भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने किया। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को नफरती भाषण के इस मामले में संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश द्वारा दायर याचिका का भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना के समक्ष उल्लेख करते हुए कपिल सिब्बल ने कहा कि आज ‘सत्यमेव जयते’ से देश का नारा बदलकर ‘शस्त्रमेव जयते’ हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश ने जब पूछा कि ‘क्या जांच का आदेश नहीं दिया गया है।‘ तब सिब्बल ने कोर्ट को बताया. ‘यह उत्तराखंड में हुआ है। प्राथमिकी दर्ज की गई है। लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।‘ इसके बाद ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि अदालत इस मामले पर गौर करेगी।
बीते 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वारमें आयोजित धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का खुलेआम आह्वान किया गया था। बाद में इसे बार बार दोहराया भी गया। उत्तराखंड पुलिस ने नफरती भाषण देने वाले 5 लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत मामला दर्ज किया है। लेकिन अबतक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।