सुप्रीम कोर्ट (SC) ने महाराष्ट्र विधानसभा (Assembly) के स्पीकर (Speaker) भास्कर जाधव को गाली देने और बदतमीजी करने के आरोप में एक साल के लिए निलंबित बीजेपी के 12 विधायकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट (Court) ने अपने आदेश में निलंबन को रद्द करते हुए विधानसभा के प्रस्ताव को मनमाना और दुर्भावनापूर्ण करार दिया है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार की तीन सदस्यीय बेंच ने माना कि निलंबन केवल विधानसभा के मानसून सत्र की अवधि तक सीमित हो सकता है। यानी एक सत्र में हुई गलती की सजा दूसरे सत्र में नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के दूरगामी असर होने की संभावना है।
मानसून सत्र 2021 के पहले दिन स्पीकर भास्कर जाधव को उनके कक्षों में कथित रूप से गाली देने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए आशीष शेलार और 11 अन्य विधायकों को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया। याचिकाकर्ता विधायकों ने अनुच्छेद 14 और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के उल्लंघन का दावा करते हुए अपने निलंबन को चुनौती दी थी। उन्होंने अभद्र भाषा के इस्तेमाल और हाथापाई के आरोपों से स्पष्ट रूप से इनकार करते हुए अध्यक्ष से माफी मांगने का दावा किया।