नई दिल्ली। खाड़ी देश कतर की एक अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को मौत की सजा देने के फैसले पर रोक लगा दी गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बारे में जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि कतर की अपील अदालत के फैसले पर गौर किया गया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं। हम विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं। आज अपीलीय अदालत में कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। पीड़ितों के परिवार के सदस्य भी थे। विदेश मंत्रालय का ये भी कहना है कि हम शुरुआत से ही नौसेना के पूर्व कर्मियों के साथ खड़े हैं। हम उन्हें कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे। साथ ही हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के सामने उठाना जारी रखेंगे।
भारतीय नौसेना के कर्मियों के खिलाफ जासूसी का मामला पहली बार 30 अगस्त को सामने आया जब कतर की खुफिया एजेंसी ‘राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो’ ने आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को गिरफ्तार किया। उन्हें बिना किसी आरोप के हिरासत में लिया गया और एकांत कारावास में भेज दिया गया था। जिसके बाद इसी साल अक्तूबर माह में कतर के कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टांस ने सभी को मौत की सजा सुनाई थी।
खबरों के मुताबिक, सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की निजी कंपनी ‘दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी’ एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है।