Sunday, December 15, 2024
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लखनऊ में नहीं चलेगी मोदी-योगी की जादूगरी!

लखनऊ में एक सज्जन ने मतदान से ठीक पहले कहा, 'मोदी दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर है। वो आपकी जेब में 20 रुपए का नोट डालता है और 100 रुपए का नोट आपकी आंखों के सामने ही निकाल लेता है।' अब आप ही बताइए कि किसको वोट करना चाहिए?

लखनऊ की 9 विधानसभा सीटों पर चुनाव को लेकर कोई उत्साह कहीं नजर नहीं आता। शहर में सौ-दो सौ किलोमीटर घूमने के बाद भी नहीं लगता कि नवाबों के इस शहर में कोई चुनाव हो रहा है। आम लोग अपने रोजमर्रा के काम में मशगूल नजर आते हैं। मतदान के बारे में पूछने पर बड़े ही चलताऊ ढंग से कहते हैं, हां चुनाव है। किसको वोट देंगे के सवाल पर साफ बोलने से हिचकते हैं, लेकिन इशारों-इशारों में बता देते हैं कि जोर किसका चल रहा है।

गरीब लोग साफ बोलते हैं और कहते हैं कि इस बार साइकिल को ही वोट देंगे। लेकिन सरकारी कर्मचारी और खाते-पीते लोग सरकार बदलने को लेकर उत्साहित नजर नहीं आते। वो ज्यादातर यथास्थितिवादी ही लगते हैं। कुरेदने पर कहते हैं, ‘कोई भी सरकार आ जाए क्या फर्क पड़ता है?’ दरअसल ये लोग कट्टर मोदीभक्त रहे हैं, लेकिन मोदी को लेकर अब इनमें कोई उत्साह नजर नहीं आता। जो बीजेपी के लिए चिंता की बात हो सकती है। इमामबाड़ा के इलाके में रहने वाले लोग शायद ही योगी को वोट करें। अल्पसंख्यक कहते हैं, ‘साइकिल को वोट तो बहुत पड़ेंगे, लेकिन बिहार में तेजस्वी की तरह ही मोदी-योगी गड़बड़ी कर अखिलेश को हरा देंगे।’

लखनऊ के कई इलाकों में घूमने के बाद ये बात समझ में आती है कि 5 किलो मुफ्त चावल वाला मोदी का फॉर्मूला अब आपना आकर्षण खो चुका है। उज्जवला योजना के जो गैस सिलेंडर मिले थे, उन लोगों के पास अब 900 से लेकर 1000 रुपए प्रति सिलेंडर के हिसाब से गैस डलवाने के पैसे नहीं हैं। लोग प्रधानमंत्री आवास योजना की चर्चा जरूर करते हैं, लेकिन अखिलेश यादव के कार्यकाल के ‘लोहिया आवास योजना’ को इससे बेहतर बताते हैं। आयुष्मान भारत योजना में भारी भ्रष्टाचार की बात लोग बताते हैं। शौचालय को लेकर लोग अब मजाक के मूड में नजर आते हैं। कहते हैं, ‘पेट में कुछ जाएगा, तभी ना शौचालय की जरूरत होगी। मोदीजी ने तो रोजगार के सारे साधन ही छीन लिए हैं।’

कोरोना काल में सरकार की मुफ्त राशन योजना से गरीबों के पेट तो जरूर भरे हैं लेकिन लखनऊ के लोग इसे नाकाफी बताते हैं। कहते हैं, ‘5 किलो अनाज से जीवन थोड़े ही चलता है।’ सरकार की गरीबों को मदद देने की योजना को जिस तरह मुफ्त कहकर प्रचारित किया गया है, उससे लोग खासे नाराज नजर आते हैं। एक सज्जन तो कहते हैं, ‘मोदीजी दुनिया के सबसे बड़े जादूगर हैं। वो आपकी जेब में 20 का नोट डालते हैं और आपकी आंखों के सामने ही आपकी जेब से 100 का नोट निकाल लेते हैं। और आप हैं कि कहते हैं कि मोदीजी ने मुफ्त में 20 रुपए दिए हैं। उदाहरण पूछिए तो कहते हैं, ‘मोदीजी ने 200 रुपए का चावल मुफ्त दिया और एक 400 का एक सिलेंडर 1000 रुपए में आपको बेच दिया। यानी आप 600 रुपए गंवाकर 200 रुपए मुफ्त में पाने का जश्न मना रहे हैं।’

यहां का युवा वर्ग मोटे तौर पर मोदी-योगी की जोड़ी से नाराज ही नजर आता है। बेरोजगारी चरम पर है और उन्हें अब पढ़ने-लिखने का कोई मतलब नजर नहीं आता। एक युवक कहता है कि योगीजी जो भी नियुक्ति निकालते हैं उस परीक्षा का पर्चा खुद ही आउट करवा देते हैं और परीक्षा कैंसिल हो जाती है। इस तरह से बीते 5 सालों से उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार परोसा जा रहा है। योगी सरकार के विकास के काम उन्हें नजर नहीं आते। कहते हैं, ‘लखनऊ मेट्रो तो अखिलेश यादव की सरकार ने बनवाया है। लखनऊ का रिवर फ्रंट ही देख लीजिए। एक्सप्रेस-वे ही देख लीजिए। इन सबको योगी सरकार ने खराब कर दिया। योगी जी ने राम मंदिर के नाम पर राजनीति के सिवा कुछ नहीं किया है।

चौथे चरण में आज 59 सीटों पर आज मतदान हो रहे हैं। 2017 के चुनाव में इनमें से 51 पर बीजेपी को जीत मिली थी। अगर लखनऊ की बात करें तो यहां कि 9 में से 8 सीटें 2017 में बीजेपी की झोली में गई थी। लेकिन इस बार हर सीट पर मुकाबला कांटे का ही नजर आ रहा है। और परिणाम हैरानी भरे हो सकते हैं। प्रियंका गांधी की मेहनत को लोग नोटिस तो कर रहे हैं लेकिन चुनावी नतीजों में उसकी झलक शायद ही देखने को मिले। कांग्रेस को लेकर लोगों का कहना है कि प्रियंका गांधी की मेहनत का फायदा उन्हें 2024 के लोक सभा चुनाव में मिलेगा। फिलहाल तो मुकाबला अखिलेश और योगी के बीच ही है। मायावती को लोग इसबार बीजेपी की ‘बी टीम’ ही मान कर चल रहे हैं। लिहाजा, कम से कम लखनऊ में तो उन्हें कोई सीट मिलता दिखाई नहीं दे रहा।

 

संजय कुमार
संजय कुमार
संजय कुमार 1998 से अबतक टीवीआई, आजतक, इंडिया टीवी, राज्यसभा टीवी से जुड़े रहे हैं। बीते दो साल से स्वराज एक्सप्रेस न्यूज चैनल के कार्यकारी संपादक हैं।
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