-विमल कुमार
हनुमान – प्रभु! आज तो 5 राज्य के विधानसभा चुनावों के नतीजे आने वाले हैं। आप तो टीवी से अभी ही चिपक गए ।
राम – हां पवनसुत! देखना है क्या नतीजा आते हैं। वैसे मैं इन नतीजे से बोर हो गया हूं। अरे बीजेपी नहीं आएगी सरकार में तो भी इस देश का क्या होगा? क्या समस्याएं हल हो जायेंगीं? देखते नहीं इस देश पर कितना कर्जा हो गया है।आखिर जो नई सरकार आएगी वह इस कर्ज़ से हमें कैसे मुक्त करा पाएगी?
हनुमान – सही कह रहे हैं प्रभु! मुझे तो रात में नींद नहीं आती है। लगता है कर्ज की भरपाई हम सबको करनी पड़ेगी। प्रभु! आप ही कोई रास्ता दिखाइए। अर्थशास्त्रियों से बात करें। आप तो चुनाव में भाग लेते नहीं। अगर आप इस देश के प्रधानमंत्री बन जाते तो हमें कुछ उम्मीद जगती।
राम – हनुमान, सवाल कर्ज का भी नहीं है। सवाल तो यह है कि सरकारी खजाना खाली हो चुका है। करीब 24 लाख करोड रुपए उद्योगपतियों के माफ कर दिए गए हैं। आखिर यह पैसा जनता का ही तो है। अगर मैं भी प्रधानमंत्री बन गया तो इतने पैसे मैं कहां से लाऊंगा। मेरे पास तो है नहीं कि मैं अपनी जेब से भरूंगा। आखिर मैं भी तुम लोगों पर टैक्स लगाऊंगा और जब टैक्स लगाऊंगा तो तुम लोग मुझसे नाराज रहोगे, मुझे गालियां दोगे, फिर मुझे सत्ता से हटा दोगे।
हनुमान – प्रभु !समस्या बहुत गहरी है इसलिए मैं भी पोल के नतीजे को लेकर अधिक उत्साहित नहीं हूं। पर सोचता हूं इस देश का भविष्य क्या होगा? क्या केवल मुफ्त में सिलिंडर बांटने से देश चल पाएगा? आखिर हम क्या-क्या मुफ्त देते रहेंगे?
राम – हनुमान! गरीबों को जब कुछ मुफ्त बांटा जाता है तो सब की आंख लगती है लेकिन सांसदों और मंत्रियों को जो मुफ्त में रेल यात्रा विमान यात्रा की सुविधा दी जा रही हैं उस पर तो कोई बात नहीं करता।.
हनुमान – प्रभु !आप सही कह रहे हैं लेकिन बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा? यही तो समस्या है. किसकी हिम्मत है कि वह इन नेताओं की सुख सुविधाओं को बंद करके दिखा दें। मुझे तो नहीं लगता कि यह काम कांग्रेस कर पाएगी या फिर ममता दीदी कर देगी या सुशासन बाबू कर पाएंगे।
राम – हनुमान! जरा टीवी खोलो अब तो नतीजे आ रहे होंगे। देखो एग्जिट पोल की भविष्यवाणी सही होती है या नहीं। हर बार की तरह वह भी एक खेल तमाशा ही बनकर रह जाएगा
हनुमान – तालियां बजाइये महाराज। मुंह मीठा कराए। ढोल नगाड़े अभी से बजने लगे।
राम – हनुमान। मैं 2024 के नतीजे देखना चाहता हूं। मेरा मकसद भाजपा या कांग्रेस को जीतना देखना नहीं बल्कि देश में राम राज्य लाना है। मैं किसी राजनीतिक पार्टी का सदस्य नहीं हूं।
(Disclaimer: प्रभु श्रीराम और हनुमानजी के बीच ये काल्पनिक संवाद है)