-विमल कुमार
हनुमान – क्या आप रवीश कुमार का भी रील देखते हैं? इधर उनका एक रील वायरल हुआ है।
राम – रवीश कुमार को तो मैं सुनता रहा हूं पर तुम किस रील की बात कर रहे हो?
हनुमान – प्रभु! उन्होंने आपके ऊपर एक रील बनाया है और उसमें आपसे कुछ सवाल पूछे हैं ।
राम – हनुमान! जरा बताओ आखिर उसने मुझसे क्या सवाल पूछा है?
हनुमान – प्रभु! उन्होंने आपके बहाने फकीर सब पर हमला किया है और गोदी मीडिया पर हमला किया है।
आखिर गोदी मीडिया वाले फकीर साहब से सवाल क्यों नहीं करते? उन्होंने आपको भी एक तरह से कटघड़े में खड़ा किया है कि देश में जो कुछ हो रहा है उस पर आपने मौन क्यों साध रखा है? क्या भव्य राम मंदिर बनने से आप सच नहीं बोलेंगे? आप तो जीवन भर सत्य के साथ खड़े रहे तो इस समय आप क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं?
राम – हनुमान! अभी जरा ठहरो देखने दो 2024 में क्या होता है? अभी तो बिहार में खेला चल रहा है जरा लहरों को शांत होने दो। जरा तूफान को गुजर जाने दो। मैं भी बोलूंगा। जरूर कुछ न कुछ बोलूंगा। मैं भी सवाल करूंगा। उनसे जो मुझसे सवाल करते रहे हैं। मैं भी बताऊंगा उनको जो मेरे नाम का इस्तेमाल करते रहे हैं।
हनुमान- प्रभु! अब आपसे ही उम्मीद है। हमने तो हर राजनीतिक पार्टियों को कुर्सी पर बिठाकर देख लिया! क्या सत्ता पक्ष क्या विपक्ष?
प्रभु! आप ही कुछ कीजिए चमत्कार तभी इस देश का भविष्य है अन्यथा तो इस देश की लुटिया डूब चुकी है।
राम – हनुमान! इतना हताश न हो इतना निराश न हो। देखो आखिर जब मैंने रावण का वध किया तो क्या किसी ने सोचा था कि रावण भी कभी मर जाएगा। इसलिए मैं कहता हूं अगर हम सब मिलजुल कर सत्य के साथ झूठ के खिलाफ लड़ेंगे तो जरूर एक न एक दिन विजयी होंगे।
हनुमान – हां प्रभु! मैं अब आपके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ना चाहता हूं आप क्यों नहीं कोई राजनीतिक पार्टी बना लेते हैं और हम सब आपके नेतृत्व में 2024 का चुनाव लड़ें।
राम – आइडिया अच्छा है। अभी मुझे कुछ विचार करने दो। फिर मैं तुमको बताता हूं।
हनुमान – प्रभु! अब आप ही करेंगे बेड़ा पार।
(Disclaimer: प्रभु श्रीराम और हनुमानजी के बीच ये काल्पनिक संवाद है)