महादेव ऐप के बाद राम नाम का ऐप अब बाज़ार में
हनुमान- “प्रभु! मार्केट में अब “महादेव ऐप” के बाद अब “रामऐप” आ गया है। क्या आपको पता है?
राम- “क्या बक रहे हो हनुमान? मैंने तो कोई अपने नाम से कोई ऐप तक बनाया ही नहीं। सच पूछो तो मैंने कभी कोई ऐप डाउनलोड भी नहीं किया, ना ही देखा। फिर मेरे नाम पर यह ऐप कैसे बन गया?”
हनुमान- “प्रभु मुझसे पूछे बिना जैसे “महादेव ऐप” बन गया। उसी तरह “राम ऐप “बन गया। संभव है “महादेव ऐप” वाले ने यह सब तरकीब निकाली होगी। एक नया तिकड़म रचा होगा। अब आपके नाम से एक ऐप निकाल दिया है।”
राम- “आखिर इस ऐप में होगा क्या?”
हनुमान- “इस ऐप में आपके बारे में पूरी कथा होगी। रामचरितमानस होगा और अयोध्या में आपके नाम बन रहे मंदिर की पूरी कहांनी होगी। सब कुछ जानकारी होगी। उस ऐप में आडवाणी की रथ यात्रा का भी जिक्र होगा। मतलब आपसे संबंधित हर तरह की सूचना उसमें होगी।”
राम- “तो यह ऐप किस लिए बनाया गया है? मुझे तो किसी ने संपर्क नहीं किया आज तक। कौन है जो मेरे नाम पर ऐप बनाना चाहता है और उससे क्या हासिल करना चाहता है?”
हनुमान- “यह तो महादेव ऐप बनाने वाले ही बताएंगे। मुझे लगता है आपके नाम की ब्रांडिंग अब पूरी दुनिया में हो गई है और अब आपके नाम से मार्केटिंग भी शुरू हो गई है। इतना बड़ा इंटरनेशनल बाजार है आपके नाम पर, मुझे लगता है ऐप इसलिए बनाया गया है।”
राम- “लेकिन मुझे तो डर लग रहा है हनुमान। ईडी वाले के कहीं बघेल की तरह मेरे घर पर छापा न मार दें सुबह-सुबह।
हनुमान- “आपकी शंका वाजिब है। वे कह सकते हैं कि जिस तरह बघेल साहब ने 508 करोड रुपए लिए हैं “महादेव” ऐप के नाम पर, उसी तरह आपने भी राम ऐप के नाम पर कुछ पैसे कमाए हैं।”
आप 2024 के चुनाव में किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव तो नहीं लड़ रहे? जब इतने सारे नेताओं पर छापे पड़ रहे हैं तो संभव है आपके घर पर भी छापा पड़ सकता है और आप पर दबाव डाला जा सकता है 2024 के चुनाव में आप भाजपा की टिकट से चुनाव लड़े अन्यथा आपको भी जेल जाना पड़ सकता है।
राम- “मैं रावण की पार्टी से चुनाव लड़ूंगा लेकिन भाजपा के टिकट पर नहीं। कल से लोग कहने लगेंगे यह तो भजापाई राम है!”
हनुमान- “सेकुलर राम के दिन लद गए प्रभु!”
(Disclaimer: प्रभु श्रीराम और हनुमानजी के बीच ये काल्पनिक संवाद है)