-विमल कुमार
राम- हनुमान! तुम छत पर क्या कर रहे हो?
हनुमान- महाराज! मैं जय श्री राम का झंडा लगा रहा हूं।
राम- अरे जब मैं खुद मर्यादा पुरुषोत्तम राम हूं तो फिर मेरी छत पर जय श्री राम के झंडे लगाने का क्या मतलब?
हनुमान- नहीं महाराज! देख नहीं रहे मोहल्ले के हर घर पर जय श्री राम का झंडा लगा हुआ है। आर डब्ल्यू एन ने नोटिस जारी कर दिया है कि अगर किसी ने जय श्री राम के झंडे घर पर नहीं लगाई तो उनकी सदस्यता रद्द हो जाएगी, इसलिए प्रभु मैं छत पर जय श्री राम का झंडा लगा रहा हूं।
राम- हनुमान! लेकिन मैं जय श्री राम नहीं हूं मैं तो मर्यादा पुरुषोत्तम राम हूं। बहुत फर्क है जय श्री राम और मर्यादा पुरुषोत्तम राम में। मुझे तुम मर्यादा पुरुषोत्तम राम ही रहने दो। हनुमान- लेकिन प्रभु आदेश तो जय श्री राम का झंडा लगाने का हुआ है मर्यादा पुरुषोत्तम राम का नहीं। इसलिए मैं जय श्री राम के झंडा लगा रहा हूं। आपको तो खुश होना चाहिए कि आपकी छत पर आपका झंडा लहरा रहा है फहरा रहा है आसमान को चूम रहा है। पूरे मोहल्ले को दिखाई दे रहा है कि भगवान श्री राम का फ्लैट इसी अपार्टमेंट में है।
राम- जो तुम्हारी इच्छा हो हनुमान वह करो। झंडे लगाओ। पोस्ट लगाओ। मेरा कट आउट लगाओ। एलईडी बैनर लगाओ। मैंने तुमको पूरी स्वतंत्रता दे रखी है। तुम मेरे नाम पर कुछ भी कर सकते हो। तुम मेरे भक्त ठहरे। भक्तों को मैं ज्यादा टोकता नहीं हूं। भक्तों के सहारे ही तो मेरा राजपाठ चल रहा है। मेरा संसार चल रहा है। मेरी सारी सत्ता भक्तों के जरिए ही संभव हुई है।
हनुमान- आपको में अक्षरा सिंह का गाना सुनवा रहा हूँ जो आपके लिए गाया है।
राम- सुना है कि नेहा सिंह राठौर ने भी गाया है।दोनो सुनिये। तबियत खुश हो जाएगी।
(Disclaimer: प्रभु श्रीराम और हनुमानजी के बीच ये काल्पनिक संवाद है)