देशभर के किसान संगठनों ने आज अलग-अलग जगहों पर धरना और प्रदर्शन कर मोदी सरकार के खिलाफ ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया। किसानों का आरोप है कि मोदी सरकार ने ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ यानी एमएसपी पर बात नहीं कर रही है और इसपर कमेटी बनाने के वादे से भी मुकर रही है।
किसानों का कहना है कि काले कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल चले आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर दायर झूठे मुकदमों को वापस लेने की पहल भी नहीं हुई है। साथ ही फसलों के एमएसपी पर कमेटी बनाकर बातचीत करने का वादा भी पूरा नहीं हुआ है।
किसानों का कहना है कि बीजेपी के नेता विधानसभा चुनावों में किसानों के लिए झोली भर-भरकर वादे कर रहे हैं लेकिन जो वादा उन्होंने किसानों से किया है उसे कोई तव्वजों नहीं दिया जा रहा है। सस्ती बिजली को लेकर भी कमेटी का कहीं आता पता नहीं है।
किसानों के इस विश्वसाघात दिवस के मौके पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने किसानों को फसल के दोगुने दाम दिलाने का वादा किया। लेकिन आज किसान उन वादों का झुनझुना बजा रहा है।
किसान आंदोलन में शहीद हुए 700 से ज्यादा किसानों के परिजनों को मुआवजा दिलाने की दिशा में भी अबतक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। इन सबका खामियाजा मोदी सरकार को विधानसभा चुनावों में उठाना पड़ सकता है।