नई दिल्ली। बीजेपी ने पनौती और जेबकतरे वाले राहुल गांधी के बयान की शिकायत क्या की, चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस थमाने में जरा भी देर नहीं लगाई। इतना ही नहीं चुनाव आयोग ने इसे नियम कानूनों के साथ ही आर्दश आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए राहुल गांधी को जवाब देने के लिए महज दो दिनों का वक्त मुकर्रर किया है। जाहिर है कि कांग्रेस पार्टी ने इस नोटिस को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मूर्खों के सरदार कहे जाने और बीजेपी के दूसरे नेताओं के अनर्गल प्रलाप पर चुनाव आयोग आंख-कान बंद किए रहता है। और जैसे ही कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी की ओर से कोई शिकायत आती है वो कुंभकरणी नींद तोड़कर अपने ताकत का प्रदर्शन करने लगता है।
बीजेपी ने चुनाव आयोग से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है। बीजेपी का कहना है कि राहुल गांधी के पनौती और पॉकेटमार जैसे बयान से प्रदेश का चुनौवी माहौल खराब हुआ है और सम्मानित व्यक्तियों को ठेस पहुंची है। राहुल गांधी का इरादा प्रधानमंत्री मोदी को बदनाम करना था। बीजेपी का कहना है कि अगर इस गंभीर मसले पर कार्रवाई नहीं की गई तो चुनाव में अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा।
गौरतलब है कि कांग्रेस ने राहुल गांधी को भेजे गए चुनाव आयोग के नोटिस को गैरजरूरी बताया है। उनका कहना है कि जब प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी के लिए पप्पू, मूर्खों का सरदार, हाईब्रिड बछड़ा और 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड और विधवा जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, झूठ पर झूठ बोलते हैं तो चुनाव आयोग ना तो उसका कोई संज्ञान लेता है और ना ही इसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई ही करता है। चुनाव आयोग सत्ता की चाकरी में बीजेपी के खिलाफ किसी शिकायत पर नोटिस जारी करने तक का साहस नहीं जुटा पाता।