कश्मीर प्रेस क्लब (Kashmir Press Club) और मैनेजमेंट (Management) पर सुरक्षा बलों की मदद से कब्जा किए जाने का देशभर के पत्रकार संगठनों (Journalist) ने निंदा की है और इस मामले में गृहमंत्री से अविलंब हस्तक्षेप कर प्रेस की स्वतंत्रता और यथास्थिति बहाल किए जाने की मांग की है। चेन्नई प्रेस क्लब (Chennai Press Club) ने भी एक पत्र जारी कर इस घटना पर गहरा असंतोष जताया है। वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का कहना है कि प्रेस क्लब और मैनेजमेंट के दफ्तर पर पुलिस और सुरक्षा बलों के सहयोग से पत्रकारों के एक गुट की ओर से इस तरह कब्जा किए जाने की घटना हैरान करने वाली है।
बीते 15 जनवरी को कश्मीर प्रेस क्लब (Kashmir Press Club) पर पुलिस प्रशासन की मदद से पत्रकारों के एक गुट ने कब्ज़ा कर लिया और मैनेजमेंट को अपने हाथ में ले लिया। इससे पहले प्रशासन ने कश्मीर प्रेस क्लब का रजिस्ट्रेशन भी निलंबित कर दिया। प्रेस क्लब पर जबरन ताला लगा दिया गया। रविवार को पत्रकारों का एक गुट सुरक्षा बलों के साथ प्रेस क्लब पहुंचा और मैनेजमेंट अपने कब्जे में लेने का एलान कर दिया। कश्मीर प्रेस क्लब पर इस जोर जबरदस्ती का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और मुंबई प्रेस क्लब ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
दरअसल कश्मीर प्रेस क्लब की इमारत और मैनेजमेंट पर गैरकानूनी कब्जा सरकार की तानाशाही रवैये और हताशा को ही दर्शाता है। पत्रकार संगठनों की मांग है कि इस मामले में अगर सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो सुप्रीम कोर्ट को तत्काल हस्तक्षेप करना चाहिए।