Sunday, December 15, 2024
Homeविधानसभा चुनावमध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छिटपुट हिंसा के बीच बंपर मतदान, आखिर...

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छिटपुट हिंसा के बीच बंपर मतदान, आखिर किसकी बनेगी सरकार?

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में संपन्न चुनाव के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। इनमें किनके दावे में कितना दम है ये तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा जब ईवीएम में बंद कुल 320 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला सामने आएगा।

आज मध्यप्रदेश की 230 और छत्तीसगढ़ की 70 सीटों के लिए मतदाताओं ने जमकर वोट डाले हैं। मध्यप्रदेश के कई जिलों में तो वोटिंग के सारे पुराने रिकॉर्ड धराशायी हो गए हैं। रतलाम जिले में तो 85 फीसदी से भी ज्यादा वोट डाले गए हैं। वैसे रात के 11 बजे तक पूरे मध्य प्रदेश में औसत 76.22 फीसदी और छत्तीसगढ़ में 72.70 फीसदी वोट डाले गए हैं। चुनाव विशेषज्ञों का मानना है कि मध्यप्रदेश में लोग शिवराज सिंह चौहान से खासे नाराज थे। लिहाजा ये बंपर वोटिंग सूबे में बदलाव की ओर इशारा कर रहे हैं।

Photo: Social Media

वहीं छत्तीसगढ़ में पहले दौर से कम वोटिंग हुई है। यहां के कुछ इलाकों से छिटपुट हिसा की खबरें भी आई हैं। जिनमें गरियाबंद जिले में आईटीबीपी के एक जवान के शहीद होने की खबर है। आईटीबीपी के जवानों पर ये हमला तब किया गया जब वो दूसरे दौर के मतदान के बाद वापस लौट रहे थे। वहीं मध्य प्रदेश में इंदौर से लेकर राजनगर और मुरैना से लेकर भिंड तक कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच लात-घूसे चलने की खबर आई है। जहां पुलिस को हवाई फायर तक करनी पड़ी।

इससे पहले आज सुबह से दोनों प्रदेशों में मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिली। जिसके भरोसे कांग्रेस और बीजेपी दोनों जीत के दावे कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा जिलों में 80 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। ग्वालियर संभाग के तो कई बूथों पर रात के 8 बजे के बाद भी वोटरों की कतारे नजर आई। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने कांग्रेस के समर्थन वाले इलाकों में वोटिंग की रफ्तार को केंद्रीय बलों की अप्रत्यक्ष मदद से प्रभावित किया है।

आज के चुनाव के दौरान शराब और नोटों के बंडल बड़ी तादाद में इसेतमाल करते हुए पाए गए। लेकिन चुनाव आयोग ने इनपर कोई ध्यान नहीं दिया। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी की इन कारस्तानियों को देखकर भी केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारी अनदेखा करते रहे। इस चुनाव की खास बात ये रही कि बीजेपी को अपने हिंदू-मुस्लिम पिच से दूर हटकर विकास की घोषणाएं करनी पड़ी। क्योंकि हिंदू-मुस्लिम कार्ड के खरीदार खोजे नहीं मिले।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Tags