नई दिल्ली। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजे के पांच दिन बाद बीजेपी आलाकामान ने मुख्यमंत्रियों के चयन के लिए पर्यवेक्षकों के टीम की नियुक्ति कर दी है। बीजेपी ने इन जीते हुए राज्यों में मुख्यमंत्रियों के चयन को अंतिम रूप देने के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित नौ पर्यवेक्षकों की घोषणा कर दी है। राजस्थान के पर्यवेक्षक के रूप में राजनाथ सिंह, विनोद तावड़े और सरोज पांडे की नियुक्ति की गई है। मध्य प्रदेश के लिए मनोहर लाल खट्टर, के लक्ष्मण और आशा लखेड़ा को बतौर पर्यवेक्षक चुना गया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्बानंद सोनोवाल और दुष्यन्त गौतम को पर्यवेक्षक चुना गया है। इन केंद्रीय पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में तीनों राज्यों में जल्द ही विधायक दल की बैठक होगी। जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
दरअसल इन राज्यों में भारी जीत के बाद भी बीजेपी मुख्यमंत्री के नामों पर फैसला कर पाई है। मंथन का दौर लगातार जारी है। अंदरखाने की खबर ये है कि बीजेपी आलाकमान की इच्छा है कि तीनों राज्यों की जिम्मेदारी नए लोगों को सौंपी जाए। जिसका राजस्थान में वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि बीजेपी ने भले ही उनका नाम आगे करके चुनाव नहीं लड़ा लेकिन बीजेपी की इस बंपर जीत में उनकी बड़ी भूमिका को नकारा नहीं जा सकता है। लिहाजा उनके अनुभव और प्रसासनिक क्षमता को देखते हुए मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी उन्हें ही सौंपी जानी चाहिए। उनकी इस मांग को देखते हुए मामला लटक गया है और बीजेपी के आला नेता इस मामले में सावधानी के साथ कदम बढ़ा रहे हैं। क्योंकि मुमकिन है कि अगर दावेदारों को भरोसे में नहीं लिया गया तो बगावत की स्थिति पैदा हो सकती है। राजस्तान में तो इसकी सुगबुगाहट भी सुनाई देने लगी है।
इस बीच वसुंधरा राजे समेत राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के कई नेता और खासकर सांसद पद से इस्तीफा देने वाले मुख्यमंत्री पद की को होड़ में हैं। और वो दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं। लिहाजा बीजेपी ने अब ये फैसला पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बीजेपी के निर्वाचित विधायकों पर छोड़ दिया है। ताकि विद्रोह की किसी स्थिति से बचा जा सके। पर्यवेक्षकों की नियुक्ति के पीछे की असली मंशा यही है कि आलाकमान यानी मोदीजी की मर्जी के मुताबिक तीनों राज्यों मेंं काम भी बन जाए और उनकी नाक भी बच जाए।