विश्व के प्रसिद्ध “आर्ट बिनाले” की तर्ज़ पर अब देश में पहला “बिनाले” 8 दिसम्बर से राजधानी के ऐतिहासिक लाल किले में होगा। 31 मार्च तक चलने वाले इस बिनाले (कला दिवार्षिकी) मे देश विदेश के 150 कलाकार और वास्तुकार कला एवं डिजाइन विशेषज्ञ भाग लेंगे।
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि वेनिस, बर्लिन, साओ पालो तथा दुबई बिनाले की तरह देश में पहला बिनाले लाल किले में होगा। जिसकी सात थीम होगी। इसके उद्घटान के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि देश की महान सांस्कृतिक विरासत से देश की जनता और दुनिया को परिचित कराने के लिए यह आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश में कला संस्कृति के लिए स्पेस बनाने और कला के जरिये अर्थव्यस्था को मजबूत बनाने एवम भारतीय कला का अंतरराष्ट्रीय बाजार बनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय द्वारा बड़े पैमाने पर यह आयोजन किया जा रहा है। छात्रों एवम बच्चों के लिए एक अलग बिनाले ललित कला अकेडमी में होगा जिसके लिए देश भर के करींब एक हज़ार शैक्षणिक संस्थाओं को जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि अपने देश में भवन निर्माण कार्य में महिला वास्तुकारों की बड़ी भूमिका रही है और इसके लिए 75 महिला वास्तुकारों का एक अलग मंडप “समत्व” होगा जिसमें देश की पहली महिला वास्तुकार उर्मिला चौधरी को भी याद किया जाएगा। इस कला आयोजन के सात भाग होंगे जिनमें प्रवेश, बागो बहार, संप्रभा, स्थापत्य, संप्रवाह विस्मय और देशज शामिल हैं। इस आयोजन के सिलसिले में 7 किताबें और एक काफी टेबल बुक भी प्रकाशित होगा। इस तरह पहली बार भारतीय संस्कृति विरासत का सबसे बड़ा आयोजन होगा जिससे पूरी दुनिया में भारतीय कला को समग्रता में देखा जाएगा।