-DelhiNews24x7 ब्यूरो
बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को एकबार फिर तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने बुधवार को मद्य निषेध कानून में दी गई जमानत के खिलाफ दायर कई याचिकाओं को खारिज कर दिया। जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि बिहार सरकार के इस कानून ने अदालतों पर बहुत बोझ डाला है। आए दिन मद्य निषेध कानून, 2016 के तहत याचिकाएं दायर होती रहती हैं। इस कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश कहा, ”पटना हाईकोर्ट में रोज अनेक ऐसी याचिकाएं आती हैं और वहां इन्हें सूचीबद्ध होने में एक साल तक का समय लग रहा है। हमें बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट में 10–15 जज रोजाना ऐसी याचिकाएं सुन रहे हैं।”
मुख्य न्यायाधीश ने इससे पहले एक कार्यक्रम में भी बिहार के इस कानून का जिक्र किया था। कहा था कि सरकारें कानून के प्रभाव का अध्ययन किए बिना कानून बनाती हैं, जिससे अदालतों पर बोझ बढ़ जाता है।