नई दिल्ली। राजस्थान के भरतपुर में जन्म युवा कवि देवेश पथ सरिया को इस साल भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है। 11 फरवरी 1986 को जन्मे श्री सरियाको उनके प्रथम काव्य संग्रह नूह की नाव को यह पुरस्कार दिया जाएगा। वह इस समय ताइवान में खगोल शास्त्र में शोधार्थी हैं। इस बार के निर्णायक आनंद हर्षुल थे। उन्होंने अपनी अनुशंसा में लिखा है –
‘‘भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार-2023 के लिए विभिन्न स्रोतों से प्राप्त कविता-संग्रहों में यह सुखद था कि उनमें स्त्री-कवियों की संख्या ज्यादा थी और ऐसा नहीं था कि उनके पास अच्छी कविताएँ नहीं थीं। क्योंकि अंतिम रूप से मैंने जिन पाँच कवियों को चुना, उनमें दो स्त्रियाँ थीं। पर कविता को जीवन में रच दी गई सीमाओं का उल्लंघन करना आना चाहिए। जब हम यह नहीं कर पाते हैं तो कविता में, मनुष्य-जीवन की व्यापकता का अन्वेषण नहीं कर पाते हैं। हमेशा स्त्री या पुरुष होने से बड़ा, कवि होना होता है और यह होना, हमें आना चाहिए। मैंने देवेश पथ सारिया के संग्रह ‘नूह की नाव’ को इस पुरस्कार के लिए इसलिए चुना कि उनकी कविताओं में जीवन में रच दी गई सीमाओं के उल्लंघन का प्रयत्न मुझे दिखता है। दिखता है कि वे अपनी कविताओं में ‘पृथ्वी की नाभि का हाल’ जानने की कोशिश कर रहे हैं।’’
रज़ा फ़ाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी अशोक वाजपेयी और चयनकर्ता आनंद हर्षुल ने देवेश पथ सारिया के यशस्वी और सार्थक कृतित्व और जीवन के लिए शुभकामनाएँ दी हैं।