-अरविंद कुमार
नई दिल्ली, 20 दिसम्बर। हिंदी के प्रसिद्ध कथाकार संजीव समेत 24 लेखकों को इस साल साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया है। साहित्य अकेडमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में कार्यकारिणीकी बैठक में इन लेखकों को ये पुरस्कार दिए जाने का अनुमोदन किया गया। अकेडमी के सचिव के श्रीनिवास राव ने आज यहाँ पत्रकारों को बताया कि वरिष्ठ कवि लीलाधर जगूड़ी कथाकार नासिरा शर्मा और रामजी तिवारी की निर्णायक समिति ने 76 वर्षीय संजीव को पुरस्कार के लिए चुना।
उन्हें यह पुरस्कार उनके उपन्यास “मुझे पहचानो” के लिए दिया जाएगा। ये पुरस्कार 12 मार्च को साहित्य अकेडमी के 70 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में दिया जाएगा। पुरस्कार में एक लाख रुपए की राशि, प्रतीक चिन्ह तथा शाल आदि शामिल होते हैं।
उन्होंने बताया कि इस बार साहित्योत्सव 11 मार्च से 17 मार्च तक चलेगा और प्रख्यात फ़िल्म निर्देशक और लेखक गुलज़ार संवत्सर व्याखयान देंगे। उन्होंने बताया कि इस बार साहित्योत्सव में 150 भाषाओं के लेखक शामिल होंगे और यह दुनिया का सबसे बड़ा साहित्य महोत्सव होगा।
इस बार साहित्य अकेडमी पुरस्कार 9 कविता संग्रह, 6 उपन्यास, 5 कहांनी संग्रह, 3 निबंध संग्रहों और आलोचना की एक पुस्तक के लिए दिया जा रहा है। 6 जुलाई 1947 को उत्तप्रदेश के सुल्तानपुर के बांगर कला में जन्मे संजीव के अब तक 9 उपन्यास आ चुके हैं। सारिका पत्रिका से अपनी कहांनी अपराध से साहित्य की दुनिया में चमकने वाले संजीव ने सूत्रधार, सर्कस, सावधान आग है, जैसे चर्चित उपन्यास लिखे हैं। वे आठवें दशक के चर्चित कथाकार भी रहे हैं।
उर्दू में सदिका नवाब शहर को राजदेव की रसोई, मैथिली में बासुकीनाथ झा को बोध संकेतन, संस्कृत में अरुण रंजन मिश्र को शुन्यये मेघनाम के लिए तथा अंग्रेजी में नीलम शरण गौड़ को रेकयुम इन रागा जानकी के लिए दिया जा रहा है।