नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली बेंच ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को सही ठहराया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कोर्ट ने सरकार को आगामी 30 सिंतबर तक राज्य में चुनाव कराने का आदेश भी दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में केंद्र सरकार से कहा कि जम्मू कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाए और सरकार इसमें देरी ना करे।
पांच जजों की बेंच का फैसला पढ़ते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की अधिसूचना देने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है। और अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है। लिहाजा राष्ट्रपति द्वारा 370 निरस्त करने का आदेश संवैधानिक तौर पर वैध है।
इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने ये भी कहा कि दरअसल धारा 370 एक अस्थाई प्रावधान था। अब चूंकि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है लिहाजा जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी। धारा 370 को निरस्त करने का फैसला वैध था या अवैध, इसपर सीजेआई ने कहा कि अब ये सवाल प्रासंगिक नहीं रह गया है। लिहाजा वो इसपर कोई फैसला नहीं सुना रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जहां कांग्रेस ने जल्दी चुनाव कराने और पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की है, वहीं नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने इस फैसले पर निराशा जाहिर की है। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि लोग हिम्मत नहीं हारे, उम्मीद न छोड़े। जम्मू-कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। सुप्रीम कोर्ट का आज का फैसला यह एक मुश्किल पड़ाव है, यह मंजिल नहीं है। हमारे विरोधी चाहते हैं कि हम उम्मीद छोड़कर इस शिकस्त को स्वीकार करें। यह हमारी हार नहीं यह देश के धैर्य की हार है।