नई दिल्ली। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव नतीजे आए 4 दिन से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन बीजेपी तीनों राज्यों में मुख्यमंत्रियों के नामों का एलान नहीं कर पाई है। बीजेपी में मंथन का दौर अनवरत जारी है। दरअसल बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले बनने वाली इन सरकारों की जिम्मेदारी नए लोगों के कंधे पर डालना चाहती है। मगर इन राज्यों के मौजूदा और पूर्व मुख्यमंत्री अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। बीजेपी का कहना है कि उन्होंने किसी चेहरे पर नहीं बल्कि मोदीजी के नाम पर चुनाव लड़ा था। ऐसे में बगावत की संभावना को देखते हुए बीजेपी बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। ताकि किसी खुली बगावत की स्थिति से बचा जा सके।
हालांकि वसुंधरा राजे, शिवराज सिंह चौहान और रमन सिंह ने सार्वजनिक बयान देकर कहा है कि वो पार्टी के समर्पित सिपाही है और पार्टी का हर फैसला उन्हें मंजूर होगा। लेकिन कहते हैं ना कि खाने के दांत और, दिखाने के दांत और होते हैं। लिहाजा बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार इस वक्त दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष समेत आला नेताओं के घर जाकर अपनी दावेदारी पेश करते नजर आ रहे हैं। खासकर राजस्थान से तो नेताओं के हुजूम दिल्ली में डेरा डाले बैठे हैं।
हैरानी की बात ये है कि वसुंधरा राजे अपने सुपुत्र दुष्यंत सिंह के साथ दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं और पर्यवेक्षक राजस्थान भेज जाएंगे। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इससे पहले वसुंधरा राजस्थान में अपने घर बीजेपी के जीते करीब 40 विधायकों के साथ बैठक कर पार्टी आलाकमान को अपना सिग्नल दे चुकी है। जाहिर है कि वसुंधरा के अलावा किसी और के नाम का एलान हुआ तो बीजेपी को बगावत का सामना करना पड़ सकता है। रमन सिंह और शिवराज सिंह फिलहाल तो चुप है, लेकिन वो कल भी चुप रहेंगे, ये बात भरोसे के साथ नहीं कही जा सकती है। ऐसे में मोदी और अमित शाह किसी नाम के एलान से पहले हर परिस्थिति के आकलन में जुटे हैं। इस बीच, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अगले मुख्यमंत्रियों के नामों पर विचार-विमर्श के लिए बीजेपी ने राज्यों में पर्यवेक्षक भेजने का फैसला किया है। ताकि विधायक दल की बैठक में अंतिम फैसला लिया जा सके।
तो क्या बीजेपी ने इन तीनों राज्यों में नए चेहरों का एलान करने जा रही है? क्या मोदीजी को बगावत का सामना करना पडे़गा। क्या लोकसभा चुनाव में ये नेता मोदीजी के भविष्य पर पलीता लगा देंगे? आज राजनीतिक गलियारे में यही सवाल पूछा जा रहा है। बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भी मोदीजी ने बाकी बातें जो कहनी थी कही, लेकिन जीत का सेहरा अपने सिर ही बांध लिया। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर इन जीतों को बीजेपी के कार्यकर्ताओं की जीत बताकर अपना इरादा जगजाहिर कर दिया।
इधर तीन राज्यों में मुख्यमंत्री के नामों की घोषणा नहीं करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बीजेपी पर सीधा निशाना साधा है। जयराम रमेश ने बीजेपी से पूछा कि मुख्यमंत्रियों के नाम के ऐलान में देरी क्यों हो रही है? आखिर पेंच कहां फंसा है? तीन दिन बीत गए और बीजेपी छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए मुख्यममंत्रियों के नामों की घोषणा नहीं कर पाई है।