-अरविंद कुमार
नई दिल्ली। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी को परोक्ष रूपसे “मूर्खों का सरदार” तथा गृह मंत्री अमित शाह द्वारा “राहु केतु” तथा उनके “वंश” के बारे में कहे जाने के मामले में चुनाव आयोग से शिकायत की है और इस संबंध में कार्रवाई की भी मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, अजय माकन और अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से आज शाम मिलकर यह शिकायत की।
श्री सिंघवी ने इन अधिकारियों से मिलने के बाद पत्रकारों को बताया कि उनकी पार्टी ने 24 नवंबर को एक जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राहुल गांधी को परोक्ष रूप से “मूर्खों का सरदार” कहे जाने तथा गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मध्य प्रदेश के चुनाव में “राहु केतु” तथा राजस्थान में उनके “वंश” के बारे में टिप्पणी किये जाने के मामले में भी कार्रवाई करने की मांग की है ।
उन्होंने कहा है कि कानून सबके लिए बराबर होता है। और जो लोग ऊंचे ओहदे पर होते हैं उनसे और अधिक जिम्मेदारी की उम्मीद की जाती है। लेकिन मोदीजी और अमित शाह ने तीन स्थानों पर राहुल गांधी के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर “आदर्श आचार संहिता” का उल्लंघन किया है। सिंघवी ने कहा कि हमें घोर आश्चर्य है कि चुनाव आयोग ने इस मामले हमारा पक्ष सुनने के लिए हमें बुलाया तक नहीं। पहले इससे कम गम्भीर मामलों में चुनाव आयोग फौरन कर्रवाई करता रहा है, इसलिए उससे उम्मीद की जाती है कि वह करवाई करेगा।
उन्होंने तेलंगाना में टीआरएस द्वारा मतदान के पूर्व साइलेंस पीरियड में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की आशंका भी जताई। बतौर उदाहरण उन्होंने मध्यप्रदेश में भी साइलेंस पीरियड में मुख्यमंत्री द्वारा जनता वार्तालाप के नाम पर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगाया। बालाघाट में जिला चुनाव अधिकारी द्वारा मत पत्र से छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगा। इस संबंध में वीडियो भी पेश किये गए। जिसमें साफ दिख रहा है कि जो रक्षक है वही भक्षक बन बैठा है। चुनाव आयोग ने “पनौती” कहे जाने के मामले में राहुल गांधी को तो नोटिस भेजा, लेकिन प्रधानमंत्री द्वारा राहुल गांधी को परोक्ष रूप से “मूर्खों का सरदार” कहे जाने पर आज तक नोटिस नहीं भेजा।