महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन की आग एक बार फिर से भड़क उठी है। आरक्षण के पक्ष में आंदोलन करने वाले लोग हिंसक हो रहै हैं। आंदोलन का सबसे बदरंग चेहरा महाराष्ट्र के बीड में देखने में आया है। आरक्षण समर्थकों ने वहां एक नगरपालिक भवन और एनसीपी के विधायक प्रकाश सोलंकी के घर और कार्यालय में आग लगा दी है। आगजनी की इस घटना के बाद बीड के कुछ हिस्सों में धारा 144 और कर्फ्यू लगा दी गई है। प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले में गंगापुर से बीजेपी विधायक प्रशांत बांब के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की है।
आरक्षण को लेकर मचे इस बवाल के बीच नासिक और हिंगोली से शिवसेना के सांसदों ने आरक्षण के समर्थन में इस्तीफा दे दिया है। मराठा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे मनोज जारांगे पाटिल ने हिंसा और आगजनी में सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया है ताकि आरक्षण आंदोलन को बदनाम किया जा सके। मनोज जारांगे-पाटिल ने अपने समर्थकों को किसी भी हिंसक प्रदर्शन से बचने की नसीहत देते हुए कहा कि सत्तारूढ़ दल के कुछ नेता आंदोलन को बदनाम करने के लिए खुद ऐसी हिंसक गतिविधियों में लिप्त हैं।
इस आरोप पर पलटवार करते हुए शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत का कहना है कि कोई अपने ही घर में आग क्यों लगाएगा? गौरतलब है कि महाराष्ट्र के नेता मराठाओं को आरक्षण देने का आश्वासन देकर वोट बटोरते रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को बार बार खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मराठाओं को अलग से आरक्षण देना संविधान सम्मत नहीं है।