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केजरीवाल पर लटकी गिरफ़्तारी की तलवार, सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली जमानत
आम आदमी पार्टी के नेता जब भी किसी घोटाले में फंसते हैं तो कहते हैं सत्ताधारी दल उनसे डरा हुआ है और उनके नेताओं को फंसाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 338 करोड़ के अवैध लेनदेन पर मुहर लगाकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्योंकि नेताओं को डराने, धमकाने और पार्टी को कुचलने की आम आदमी पार्टी की दलीलें अब कमजोर पड़ती नज़र आ रही हैं।
आम आदमी पार्टी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन मामले में पार्टी के नेता और सरकार के मंत्री लाइन लगाकर जेल जा रहे हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत नहीं मिल पा रही है। अब तो प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने दिल्लीी के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ही धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत समन भेज दिया है। केजरीवाल को दिल्ली की शराब नीति और पैसों के लेनदेन मामले में ईडी ने 2 नवंबर को पेश होने को कहा है। इससे पहले सीबीआई केजरीवाल को अप्रैल में पूछताछ के लिए बुला चुकी है।
उधर सुप्रीम कोर्ट ने 338 करोड़ के मनी ट्रेल यानी अवैध लेनदेन के मामले में मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इंकार कर दिया है। शराब घोटाला माामले में गिरफ्तार मनीष सिसोदिया 26 फरवरी 2023 यानी बीते 8 महीने से जेल में हैं। कल पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत अर्जी खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि इस मामले में 338 करोड़ रुपए के लेनदेन का मामला साबित होता नजर आ रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने धनशोधन के इस मामले में ईडी को अपनी जांच 6 से 8 महीने में मुकम्मल करने को भी कहा। मनीष सिसोदिया के लिए राहत की खबर बस इतनी सी है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तीन महीने बाद फिर से जमानत अर्जी लगाने की इजाजत दे दी है।
फिलहाल शराब घोटाला और पैसे के लेनदेन के मामले में आम आदमी पार्टी के कई नेता और समर्थक जेल में हैं। इस मामले में सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के अलावा आम आदमी पार्टी
के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी जेल की हवा खा रहे हैं। उन्हें भी अदालतों से जमानत नहीं मिल पा रही है। जबकि आम आदमी पार्टी के नेता बार-बार मोदी सरकार पर उनकी पार्टी को खत्म करने का आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज और आतिशी सिंह का कहना है कि उनके नेताओं को फंसाया जा रहा है। उन्हें शराब के फर्जी मामलों में फंसाकर जेल भेजा जा रहा है। दरअसल मोदी सरकार केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है। क्योंकि बीजेपी आम आदमी पार्टी से डर गई है। वहीं बीजेपी के नेता और विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि अब दिल्ली की जनता को आम आदमी पार्टी के भ्रष्ट शासन से मुक्ति का वक्त आ गया है और हथकड़ी धीरे-धीरे केजरीवाल के करीब पहुंच रही है।
दिल्ली की विवादास्पद नई आबकारी नीति और शराब कारोबारियों का कमीशन 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने के मामले में सीबीआई अबतक मनीष सिसोदिया, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली समेत कई अन्य को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग यानी पैसे के अवैध लेनदेन के मामले में मनीष सिसोदिया, संजय सिंह समेत कई अन्य को गिरफ्तार किया है।
मनीष सिसोदिया ने कोरोना काल में 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। तब कहा गया था कि इससे दिल्ली सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद होगी और शराब के कारोबार में माफिया राज खत्म होगा। और बीते 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू कर दी गई। लेकिन एक बोतल शराब पर एक बोतल फ्री की बात तो छोड़ दीजिए, दो बोतल तक फ्री की नई नीति शुरू से ही विवादों में घिर गई। जब इस नीति में शराब कारोबारियों को ज्यादा कमीशन दिए जाने की बात उजागर हुई और विवाद बढ़ा तो केजरीवाल ने आनन-फानन में 28 जुलाई 2022 को नई शराब नीति रद्द कर फिर से शीला दीक्षित की पुरानी शराब नीति लागू कर दी। जिससे पहली नजर में ये साबित हो गया कि दाल में कहीं कुछ बड़ा काला है। लेकिन सोमवार को 338 करोड़ के मनी ट्रेल यानी अवैध लेनदेन के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा उससे ये साबित हो गया है कि शराब घोटाला मामले में पूरी दाल ही काली नज़र आ रही है।