Sunday, December 15, 2024
Homeपेगासस सौदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल,...

पेगासस सौदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल, एफआईआर दर्ज करने की मांग

सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी के आरोपों की जांच करने के लिए बीते साल एक समिति बनाई हुई है। तकनीकी विशेषज्ञों की यह समिति अदालत की निगरानी में काम कर रही है। समिति की रिपोर्ट का इंतजार है।

न्यूयॉर्क टाइम्स के ताजा खुलासे के बाद इजरायल से पेगासस स्पाईवेयर खरीद सौदे को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है।इस मामले की जांच के लिए अब सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर की गई है। जिसमें न्यूयॉर्क टाइम्स के नए खुलासे के मद्देनजर भारत-इजरायल के बीच 15 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदे की जांच की मांग की गई है। याचिका में इस सौदे से जुड़े सभी लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। 2017 में इजरायल के साथ हुए 2 बिलियन डॉलर के रक्षा सौदे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर की गई है।

बीते साल पहली बार पेगासस स्पाईवेयर के जरिए विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जासूसी कराए जाने के मामले का सनसनीखेज खुलासा हुआ था। तब गैरकानूनी जासूसी के इस मामले को लेकर संसद से सड़क तक बवाल मचा था। मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और कोर्ट ने जासूसी के आरोपों की जांच और निगरानी के लिए एक तीन सदस्यीय समिति बना दी है। जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश आरवी रवींद्रन कर रहे हैं। निगरानी समिति ने अबतक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है।

इससे पहले कांग्रेस ने कल मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स के खुलासे से ये साबित हो गया है कि चौकीदार ही जासूस है।’ कांग्रेस ने मोदी सरकार पर लोकतंत्र के अपहरण और देशद्रोह का आरोप भी लगाया। वहीं सरकार की ओर से मंत्री वीके सिंह ने न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठाते हुए इसे ‘सुपारी पत्रकारिता’ करार दे दिया। इजरायल ने इस मामले पर पेगासस स्पाईवेयर का निर्माण करने वाली कंपनी एनएसओ को एक निजी कंपनी बताते हुए किसी भी आधिकारिक प्रतिक्रिया से इंकार किया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Tags