नई दिल्ली। राजस्थान में आज 199 सीटों पर हुए मतदान में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिसा लिया। धौलपुर और सीकर में छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान मोटे तौर पर शांतिपूर्ण रहा। खबर लिखे जाने तक राजस्थान में 71.64 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया है। जैसलमेर जिले के पोखरण में सबसे ज्यादा 87.79 फीसदी मतदान होने की खबर है। 2018 के चुनाव में राज्य में 74.06 फीसदी मतदान हुआ था।
मतदान समाप्त होने के बाद कांग्रेस को जहां सत्ता में बने रहने की उम्मीद जताई है, वहीं बीजेपी को लगता है कि कमल खिलेगा और राजस्थान में सरकार बदलने का रिवाज और परंपरा जारी रहेगी। अब नतीजा क्या होगा ये तो 3 दिसंबर को होनेवाले वोटों की गिनती के बाद ही पता चल पाएगा।
राजस्थान में आज सुबह से ही 51000 से ज्यादा बूथों पर बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने पहुंचने लगे। खास बात ये थी कि महिलाओं में वोटिंग को लेकर ज्यादा उत्साह देखने को मिला। करणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह की मृत्यु के बाद वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है।
राजस्थान में आज सबसे ज्यादा मतदान जैसलमेर के पोखरण में रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद अलवर जिले के तिजारा विधानसभा क्षेत्र में 85.15 फीसदी सबसे ज्यादा वोटिंग हुई। वहीं धौलपुर के बारी में 83.5 फीसदी मतदान की सूचना है। अगर हम जिले की बात करें तो जैसलमेर जिले में सबसे ज्यादा 82.37 फीसदी, हनुमानगढ़ में 80.31 फीसदी और बारां में 79.96 फीसदी मतदान हुआ है।
राजस्थान में चुनाव की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में अंडरकरंट देखने को मिला है। लोगों ने कांग्रेस के अच्छे काम और 7 गारंटी को ध्यान में ऱखकर वोट किया है। वहीं बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी का कहना है कि कांग्रेस सरकार अपने वादे निभाने में नाकाम साबित हुई है। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का कहना है कि कांग्रेस फिर से सरकार बनाने जा रही है। राजस्थान में सरकार बदलने का रिवाज टूटने जा रहा है।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कहना है कि अशोक गहलोत जिस अंडरकरंट की बात कर रहे हैं वो दरअसल बीजेपी के पक्ष में नजर आई है। उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है 3 दिसंबर को जब चुनाव के नतीजे आएंगे तो प्रदेश में कमल खिलेगा। गैरतलब है कि झालरापाटन से चुनाव लड़ रही वसुंधरा राजे को बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाया है। लिहाजा चुनाव नतीजों के बाद सियाशी रस्साकशी के दिलचस्प होने की उम्मीद है।